गुरु बृहस्पति व् शनि की वक्रता का प्रभाव-2019
(10 अप्रैल से 11 अगस्त तक गुरु बृहस्पति व् 30 अप्रैल से 18 सितम्बर तक शनि वक्री)
(प्रिय पाठको, इस लेख या पहले व् भविष्य में लिखे जाने वाले मेरे किसी भी लेख का उद्देश्य आपको या किसी को डराना नहीं, केवल सचेत/सावधान करना है | ज्यों ही लेख प्रकाशित होते हैं, वक्री ग्रहों के प्रभाव कष्ट शुरू करते हैं/कष्ट बढ़ा देते हैं तो लोगो की समस्याएं आनी शुरू हो जाती हैं | यदि ऐसा न होता तो मैं भविष्य में लेख आदि न लिखता, न ही प्रकाशित करता | सो, नीचे लिखे जा रही समय अवधि में सचेत व् सावधान होकर अपने दैनिक कार्य करते रहें |
यदि आप ज्योतिष या धर्म में विश्वास नहीं रखते तो, आप इस अवधि में, अपने उपर होने वाले अनुभव से निर्णय करें कि आपको लिखे जा रहे ग्रहों के प्रभाव किंचित मात्र ही सही, महसूस हुए या नहीं | आप स्वयं इसका विचार व् निर्णय करें |
गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल से 22 अप्रैल तक अपनी ही राशि धनु में वक्री होंगे | वक्र चलते हुए गुरु पिछली राशि वृश्चिक में 23 अप्रैल से 11 अगस्त तक रहेंगे |
शनि गुरु की राशि धनु में 30 अप्रैल से 18 सितम्बर तक वक्री चलेंगे |
इस दौरान, विशेषकर, मेष, वृष, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर व् मीन राशि के लोगों को अपने व् अपने परिवार के प्रति अधिक सचेत व् सावधान होकर दैनिक कार्य करने की आवश्यकता है |
-डॉ जे के शर्मा
नोट : गुरु बृहस्पति व् शनि की वक्रता का आप पर क्या प्रभाव हो सकता है, आप निम्न ढंग से जान सकते हैं :-
- (क) आप अपनी जन्म कुंडली में लग्न (पहले घर में लिखी संख्या अर्थात राशि के आधार पर या
- (ख) आपके प्रसिद्ध नाम की राशि के आधार पर या
- (ग) आपको अपनी जन्म की तारीख, वर्ष, समय आदि पता ही न हो तो भी प्रसिद्ध नाम की राशि के आधार पर या
- (घ) आप अपनी जन्म कुंडली का लग्न जानने के लिए गूगल की सर्च में फ्री कुंडली लिखें | कुंडली बनाने के लिए उसमें अपना नाम जन्म तारीख टाइम व् जिला लिखें | अब आपके सामने आपकी कुंडली खुल जाएगी | कुंडली में सबसे उपर खाने में “लग्न” या “ल” या “A”/ “Ascend” लिखा होगा | वहां, 1 से 12 तक जो कोई एक संख्या होगी, वही संख्या आपकी लग्न राशि होगी | (1-मेष, 2-वृष, 3-मिथुन, 4-कर्क, 5-सिंह, 6-कन्या, 7-तुला, 8-वृश्चिक, 9-धनु, 10-मकर, 11-कुम्भ व् 12-मीन) | इस तरह आप आपनी कुंडली का लग्न जान पाएंगे |
- जिस संख्या पर “चन्द्र” या “चन्द्रमा” या “M” / “Moon” लिखा हो, वो संख्या आपकी असली जन्म राशि होगी, भारतीय ज्योतिष अनुसार |
- (ड) आप अपनी जन्म राशि के बारे में जो भविष्य फल लिखा है, उसे भी पढ़ लें व् प्रसिद्ध नाम व् जन्म राशि- दोनों के फल से समोचित फल समझें |
- वृश्चिक, धनु व् मकर राशियों पर शनि साढ़ेसाती भी चल रही है | इन राशि के जातक अपना व् पारिवार का विशेष ध्यान रखें, सावधानी व् सतर्कता बरतें |
राशि अनुसार फल (संक्षिप्त में लिखा जा रहा है)
1. लग्न-1 या मेष राशि:(आपके नाम का शुरू का अक्षर:(चू,चे,चो,ला,ली,लू,ले,लो,अ):
आप की कुंडली के नोवें घर (गुरु बृहस्पति के घर-आपके भाग्योदय वाले घर में) गुरु बृहस्पति 29 मार्च से वहां चलित-गोचर में पहले से ही आये हुए शनि से मिल गये हैं |
यहीं पर गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल से 22 अप्रैल तक धनु राशि पर वक्री चल कर आपके कार्यों में रुकावटें व् देरी करेंगे |
वक्री चलते चलते गुरु बृहस्पति 23 अप्रैल से 11 अगस्त तक वृश्चिक राशि पर आकर आपका पेट खराब करेंगे, सन्तान को भी कष्ट सम्भव है | चोट दुर्घटना से भी बचाव करें |
शनि 30 अप्रैल से 18 सितम्बर, 2019 तक धनु राशि पर वक्री चलेंगे | नोवें घर में चलित में केतु धनु पर व् तीसरे घर में चलित का राहू मिथुन पर वक्री शनि आपके पराक्रम, आत्मबल व् आत्म विश्वास के घर को देखते हुए, आपको अनावश्यक घबराहट व् परेशानी देंगे | सारे कार्यों में रुकावटें आएँगी व् अनावश्यक देरी होगी | स्वास्थ्य समस्या शुरू होने की सम्भावना रहेगी |
आपकी राशि के स्वामी मंगल सामने से शनि वक्री की दृष्टि में 6-5-2019 से 21-6-2019 तक व् षडाष्टक में 22-6-2019 से 7-8-2019 तक आकर आपको चोट दुर्घटना या बीमारी आदि दे सकते हैं | 12 जुलाई से मंगल अस्त होने पर आपकी पूरी सहायता भी नहीं कर पायेगा |
इसी त्तरह 8-7-2019 से 28-7-2019तक वक्री बुध कर्क में (वक्री शनि व् गुरु के षडाष्टक में) व् वक्री बुध मिथुन में 29-7-2019 से 31-7-2019 के बीच सामने से वक्री गुरु तथा शनि की दृष्टि से आपको घबराहट या हार्ट समस्या या भाई बहनों सम्बन्धी कष्ट आदि दे सकते हैं | वाहन हानि, चोट दुर्घटना सम्भव है |
जिनकी कुंडली में जन्म से जन्म से शनि या गुरु या बुध या मंगल वक्री हों जन्म से राहू धनु राशि में नीच हो, वे लोग नकारात्मक अधिक सोचेंगे व् घबराहट में कुछ भी कर सकते हैं |
2. लग्न-2 या वृष राशि: (आपके नाम का शुरू का अक्षर: (ई,उ,ए,ओ,वा,वी,वू,वे,वो)
आप की कुंडली के आठवें (मृत्यु के घर में) गुरु बृहस्पति 29 मार्च से वहां चलित-गोचर में पहले से ही आये हुए शनि से मिल गये हैं |
यहीं पर गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल से 22 अप्रैल तक धनु राशि पर वक्री चल कर आपका पेट खराब व् सुखों में कमी कर देगा, स्वास्थ्य खराब करेगा |
वक्री चलते चलते गुरु बृहस्पति 23 अप्रैल से 11 अगस्त तक वृश्चिक राशि पर आकर पति/पत्नी का स्वास्थ्य ढीला करेगा | कार्य व्यापार व् जॉब आदि में समस्याएँ या कमी आएगी | चोट दुर्घटना से भी बचाव करें |
शनि 30 अप्रैल से 18 सितम्बर, 2019 तक धनु राशि पर (आठवें घर में) वक्री चलेंगे | यहाँ चलित में केतु धनु पर व् दूसरे घर में चलित का राहू मिथुन पर होने पर वक्री शनि आपको घर से दूर या विदेश भेजना चाहेगा | अनावश्यक घबराहट व् परेशानी सम्भव व् नकारात्मकता भी सम्भव, अपना बचाव करें | कार्यों में रुकावटें व् देरी होने के साथ साथ धन की बहुत कमी होगी | पेट खराबी या बवासीर या अन्य स्वास्थ्य समस्या की सम्भावना भी है |
मंगल दूसरे घर में मिथुन राशि में सामने से शनि वक्री की दृष्टि में 6-5-2019 से 21-6-2019 तक व् षडाष्टक में 22-6-2019 से 7-8-2019 तक आकर आपको चोट दुर्घटना या बीमारी आदि दे सकते हैं विशेषकर दूसरे व् आठवें घर में ग्रहों की दृष्टि मारक जैसे कष्ट देती है | 12 जुलाई से मंगल अस्त होने पर आपकी पूरी सहायता भी नहीं कर पायेगा |
इसी त्तरह 8-7-2019 से 28-7-2019तक वक्री बुध कर्क में (वक्री शनि व् गुरु के षडाष्टक में) आपको घबराहट या हार्ट समस्या आदि दे सकता है | वक्री बुध मिथुन में 29-7-2019 से 31-7-2019 के बीच सामने से वक्री गुरु तथा शनि की दृष्टि से वाहन हानि व् चोट दुर्घटना के योग बनाएगा, बचाव करें |
जिनकी कुंडली में जन्म से शनि या गुरु या बुध या मंगल वक्री हों वे लोग चोट दुर्घटना से विशेष रूप से बचाव करें |
3. लग्न-3 या मिथुन राशि: (आपके नाम का शुरू का अक्षर :
(क,की,कु,घ,ड,छ,के,को,ह)
आप की कुंडली के सातवें (शुक्र के घर में) गुरु बृहस्पति 29 मार्च से वहां चलित-गोचर में पहले से ही आये हुए शनि से मिल गये हैं |
यहीं पर गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल से 22 अप्रैल तक धनु राशि पर वक्री चल कर आपके कार्य व्यापार व् जॉब आदि में समस्याएँ बनेगी |
वक्री चलते चलते गुरु बृहस्पति 23 अप्रैल से 11 अगस्त तक वृश्चिक राशि पर आकर आपके स्वास्थ्य, प्राइवेट पार्ट्स आदि सम्बन्धी समस्याएँ दे सकते हैं | चोट दुर्घटना से भी बचाव करें |
शनि 30 अप्रैल से 18 सितम्बर, 2019 तक धनु राशि पर (सातवें घर में) वक्री चलेंगे | यहाँ चलित में केतु धनु पर व् पहले घर लग्न में चलित का राहू मिथुन पर होने पर, वक्री शनि बुद्धि व् विचारधारा बिगाड़ कर रख देगा | मन मूड खराब, पति/पत्नी के रिश्तों में खटास आदि सम्भव | जॉब-व्यापार में समस्या आएगी | नकारात्मकता से बचें |
मंगल लग्न पर मिथुन राशि में सामने से शनि वक्री की दृष्टि में 6-5-2019 से 21-6-2019 तक व् षडाष्टक में 22-6-2019 से 7-8-2019 तक आकर आपको बीमारी या चोट दुर्घटना आदि अथवा बी पी समस्या दे सकते हैं | 12 जुलाई से मंगल अस्त होने पर बचाव होने में कमी रहेगी |
इसी त्तरह 8-7-2019 से 28-7-2019तक वक्री बुध कर्क में (वक्री शनि व् गुरु के षडाष्टक में) आपका जमा किया धन व्यर्थ में खराब करेगा | वक्री बुध मिथुन में 29-7-2019 से 31-7-2019 के बीच सामने से वक्री गुरु तथा शनि की दृष्टि से वाहन हानि व् चोट दुर्घटना के योग बनाएगा, बचाव करें |
जिनकी कुंडली में जन्म से शनि या गुरु या बुध या मंगल वक्री हों वे लोग चोट दुर्घटना से विशेष रूप से बचाव करें |
4. लग्न-4 या कर्क राशि: (आपके नाम का शुरू का अक्षर : हि,हु,हे,हो,डा,डी,डू,डे,डो)
आप की कुंडली के छ्टे घर (बुध के घर में) गुरु बृहस्पति 29 मार्च से वहां चलित-गोचर में पहले से ही आये हुए शनि से मिल गये हैं |
यहीं पर गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल से 22 अप्रैल तक धनु राशि पर वक्री चल कर आपके स्वास्थ्य, प्राइवेट पार्ट्स आदि जॉब तथा व्यापार आदि में रुकावटें व् समस्याएं बनाएगा | चोट दुर्घटना से बचाव करें |
वक्री चलते चलते गुरु बृहस्पति 23 अप्रैल से 11 अगस्त तक वृश्चिक राशि पर आकर पेट खराब करेगा | सन्तान को कष्ट सम्भव |
शनि 30 अप्रैल से 18 सितम्बर, 2019 तक धनु राशि पर (छ्टे घर में) वक्री चलेंगे |यहाँ चलित में केतु धनु पर व् बाहरवें घर में चलित का राहू मिथुन पर होने पर, वक्री शनि शत्रु बढ़ाएगा, बुद्धि व् विचारधारा बिगड़ेगा, व्यापार में हानि करेगा | अनावश्यक घबराहट व् स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या होगी | नकारात्मकता से बचें, आत्महत्या के विचार फ़ेंक दें |
मंगल बाहरवें घर (खर्चे के घर) पर मिथुन राशि में सामने से शनि वक्री की दृष्टि में 6-5-2019 से 21-6-2019 तक व् षडाष्टक में 22-6-2019 से 7-8-2019 तक आकर आपको बीमारी या चोट दुर्घटना आदि अथवा बी पी समस्या देंगे ही | बीमारी पर खर्च अवश्य होगा | 12 जुलाई से मंगल अस्त होने पर बचाव के लिए मंगल से सहायता मिलने में कमी रहेगी |
इसी त्तरह 8-7-2019 से 28-7-2019तक वक्री बुध कर्क में (वक्री शनि व् गुरु के षडाष्टक में) आपकी बुद्धि हर लेगा, आप सही निर्णय नहीं कर पायेंगे | वाहन आदि बहुत ध्यान से चलायें, वाहन खराबी, चोट दुर्घटना सम्भव है | वक्री बुध मिथुन में 29-7-2019 से 31-7-2019 के बीच सामने से वक्री गुरु तथा शनि की दृष्टि से वाहन हानि व् चोट दुर्घटना के स्पष्ट योग दीखते हैं, बचाव करें |
जिनकी कुंडली में जन्म से शनि या गुरु या बुध या मंगल वक्री हों वे लोग चोट दुर्घटना से विशेष रूप से बचाव करें |
5. लग्न-5 या सिंह राशि: (आपके नाम का शुरू का अक्षर: मा,मी,मू,में,मो,टा,टी,टू,टे)
आप की कुंडली के पांचवें घर ( सूर्य-गुरु के घर में) गुरु बृहस्पति 29 मार्च से वहां चलित-गोचर में पहले से ही आये हुए शनि से मिल गये हैं |
यहीं पर गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल से 22 अप्रैल तक धनु राशि पर वक्री चल कर आपका पेट खराब करेगा | सन्तान को कष्ट भी सम्भव | शिक्षा, ज्ञान, विद्या व् आय में कमी होगी |
वक्री चलते चलते गुरु बृहस्पति 23 अप्रैल से 11 अगस्त तक वृश्चिक राशि पर आकर | पति/पत्नी का स्वास्थ्य व् रिश्ते कमजोर करेगा | वाहन सम्बन्धी समस्या व् चोट दुर्घटना से सचेत रहें |
शनि 30 अप्रैल से 18 सितम्बर, 2019 तक धनु राशि पर (पांचवें घर में) वक्री चलेंगे | यहाँ चलित में केतु धनु पर व् ग्याहरवें घर में चलित का राहू मिथुन पर होने पर, वक्री पेट खराब करेगा, धन हानि व् व्यर्थ की दूर की यात्रायें कराएगा | व्यापार में कमी व् हानि सम्भव |
मंगल ग्यारवें घर (आय के घर) पर मिथुन राशि में सामने से शनि वक्री की दृष्टि में 6-5-2019 से 21-6-2019 तक व् षडाष्टक में 22-6-2019 से 7-8-2019 तक आय अधिक नहीं दे पायेगा, कमी रहेगी | षडाष्टक में 22-6-2019 से 7-8-2019 तक मेडिकल समस्याएँ बढ़ेंगी, दवा व् इलाज पर खर्चे बहुत होंगे | 12 जुलाई से मंगल अस्त होने पर बचाव के लिए मंगल से सहायता मिलने में कमी रहेगी |
इसी त्तरह 8-7-2019 से 28-7-2019तक वक्री बुध कर्क में (वक्री शनि व् गुरु के षडाष्टक में) आपकी बुद्धि हर लेगा, आप सही निर्णय नहीं कर पायेंगे | वाहन आदि बहुत ध्यान से चलायें, वाहन खराबी, चोट दुर्घटना सम्भव है | वक्री बुध मिथुन में 29-7-2019 से 31-7-2019 के बीच सामने से वक्री गुरु तथा शनि की दृष्टि से पेट सम्बन्धी समस्या बढ़ जाएगी | 1 अगस्त से थोड़ा आराम मिलेगा |
जिनकी कुंडली में जन्म से शनि या गुरु या बुध या मंगल वक्री हों वे लोग चोट दुर्घटना से विशेष रूप से बचाव करें |
6. लग्न-6 या कन्या राशि: (आपके नाम का शुरू का अक्षर टो,पा,पी,पू,ष,ण,ठ,पे,पो)
आप की कुंडली के चौथे घर (चन्द्रमा के घर में) गुरु बृहस्पति 29 मार्च से वहां चलित-गोचर में पहले से ही आये हुए शनि से मिल गये हैं |
परिवार में, वैवाहिक जीवन में खींचतान तो 2017 से ही चल रही है |
यहीं पर गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल से 22 अप्रैल तक धनु राशि पर वक्री चल कर विवाहित जीवन व् सुख कम कर देगा, आपसी विचारों में मतभेद होगा | पति/पत्नी को गम्भीर कष्ट सम्भव | वाहन सम्बन्धी समस्या व् चोट दुर्घटना से सचेत रहें |
वक्री चलते चलते गुरु बृहस्पति 23 अप्रैल से 11 अगस्त तक वृश्चिक राशि पर तीसरे घर आकर घबराहट देगा, आत्मबल व् आत्म विश्वास में कमी रहेगा, अकारण ही डर से आप किसी भी स्थिति में समर्पण कर देंगे |
शनि 30 अप्रैल से 18 सितम्बर, 2019 तक धनु राशि पर (चौथे घर में) वक्री चलेंगे | यहाँ चलित में केतु धनु पर व् मिथुन का राहू दसवें घर में (चलित) में होने पर, पति/पत्नी को कष्ट सम्भव, वाहन खराबी, व् चोट दुर्घटना आदि देगा, सचेत रहें | अनावश्यक यात्रायें व् घर से दूर की यात्रायें सम्भव | व्यापार में कमी व् हानि का संकेत है |
मंगल दसवें घर ( कार्य व्यापार-जॉब के घर) पर मिथुन राशि में सामने से शनि वक्री की दृष्टि में 6-5-2019 से 21-6-2019 तक सफलताये देगा कुछ देरी व् रुकावटों के साथ | परन्तु मंगल षडाष्टक बनने पर 22-6-2019 से 7-8-2019 तक अधिक आय नहीं दे पायेगा, आय मिलती तो रहेगी परन्तु थोड़ी कमी रहेगी | 12 जुलाई से मंगल अस्त होने पर आय अधिक न होगी |
इसी त्तरह 8-7-2019 से 28-7-2019तक वक्री बुध कर्क में (वक्री शनि व् गुरु के षडाष्टक में) आपकी बुद्धि हर लेगा, आप सही निर्णय नहीं कर पायेंगे | आय कम रहेगी | पेट खराब होना ही है | | वक्री बुध मिथुन में 29-7-2019 से 31-7-2019 के बीच सामने से वक्री गुरु तथा शनि की दृष्टि के समय वाहन आदि बहुत ध्यान से चलायें, वाहन खराबी, चोट आदि से बचें | कार्य स्थल पर बहस या अनावश्यक लिखत पढ्त सम्भव |
जिनकी कुंडली में जन्म से शनि या गुरु या बुध या मंगल वक्री हों वे लोग चोट दुर्घटना से विशेष रूप से बचाव करें |
7. लग्न-7 या तुला राशि : (आपके नाम का शुरू का अक्षर : रा,री,रु,रे,रो,ता,ती,तू,ते):
आप की कुंडली के तीसरे घर (पराक्रम, आत्म बल व् आत्म विश्वास के घर में) गुरु बृहस्पति 29 मार्च से वहां चलित-गोचर में आये पहले से ही आये हुए शनि से मिल गये हैं |
यहीं पर गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल से 22 अप्रैल तक धनु राशि पर वक्री चल कर आपकी घबराहट बढ़ा सकता है, आत्मबल व् आत्म विश्वास में कमी करेगा व् आप मजबूत होते हुए भी डरपोक व् समर्पण करते दीखेंगे |
वक्री चलते चलते गुरु बृहस्पति 23 अप्रैल से 11 अगस्त तक वृश्चिक राशि पर दूसरे घर आकर पारिवारिक व् विवाहित जीवन में कहा सुनी करा सकता हैं, आपसी विचारों में मतभेद होगा | वाहन खराबी व् चोट दुर्घटना के बारे सचेत रहें |
शनि 30 अप्रैल से 18 सितम्बर, 2019 तक धनु राशि पर (तीसरे घर में) वक्री चलेंगे | यहाँ चलित में केतु धनु पर व् मिथुन का राहू नोवें घर में (चलित) में होने पर, आप अनावश्यक रूप से बहुत घबरा सकते हैं जिससे आप अस्पताल जाएँ | हार्ट चेक करा लें | वाहन ध्यान से चलायें, चोट दुर्घटना से बचें | स्थान परिवर्तन व् घर से दूर जाने के योग बनेगे |
मंगल नोवें घर (गुरु के घर, भाग्य स्थान) पर मिथुन राशि में सामने से शनि वक्री की दृष्टि में 6-5-2019 से 21-6-2019 तक छोटे भाई को कष्ट दे सकता है | मंगल षडाष्टक में 22-6-2019 से 7-8-2019 तक आय अधिक नहीं दे पायेगा, कार्य व्यापार सम्बन्धी कार्य रुकेंगे या असफलता मिल सकती है | 12 जुलाई से मंगल अस्त होने पर बचाव के लिए मंगल से जॉब आदि में लाभ, प्रमोशन या सहायता मिलने में कमी रहेगी |
इसी त्तरह 8-7-2019 से 28-7-2019तक वक्री बुध कर्क में (वक्री शनि व् गुरु के षडाष्टक में) आपके ऑफिस, कार्य स्थल पर बहस या अनावश्यक लिखत पढ्त करा देगा | जॉब या व्यापार सम्भल कर करें | वाहन आदि बहुत ध्यान से चलायें, वाहन खराबी, चोट दुर्घटना सम्भव है वक्री बुध मिथुन में 29-7-2019 से 31-7-2019 के बीच सामने से वक्री गुरु तथा शनि की दृष्टि से आपको सांस की समस्या दे देगा | बुद्धि पूरी तरह काम नहीं करेगी |
जिनकी कुंडली में जन्म से शनि या गुरु या बुध या मंगल वक्री हों वे लोग चोट दुर्घटना से विशेष रूप से बचाव करें |
8. लग्न-8 या वृश्चिक राशि (आपके नाम का शुरू का अक्षर-तो,ना,नी,नू,ने,नो,या,यी,यू)
आप की जन्म राशि/नाम राशि पर शनि साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है | ज्योतिष नियमानुसार यह चरण कष्टदायक है, सो शनि के वक्र काल में विशेषकर साढ़ेसाती में लाभ का विचार न करें |
आप की कुंडली के दूसरे घर ( विदेश व् धन संग्रह के घर) में गुरु बृहस्पति 29 मार्च से वहां चलित-गोचर में पहले से ही आये हुए शनि से मिल गये हैं जो विदेश योग या दूर की यात्रा के योग बनायेंगे |
यहीं पर गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल से 22 अप्रैल तक धनु राशि पर वक्री चल कर आपका स्वास्थ्य इस दौरान खराब रखेंगे | थाइरोइड, जौंडिस, बुखार दमे/सांस आदि सम्बन्धी समस्याएँ सम्भव हैं |
वक्री चलते चलते गुरु बृहस्पति 23 अप्रैल से 11 अगस्त तक वृश्चिक राशि लग्न पर मानसिक संतुलन खराब करेंगे | पति/पत्नी/पुत्र/विवाहित जीवन/वाहन व् मानसिक सुख में कमी या समस्याएं होगी | वाहन दुर्घटना व् चोट आदि से बचें |
उतरती साढ़ेसाती में शनि 30 अप्रैल से 18 सितम्बर, 2019 तक धनु राशि पर (दूसरे घर में) वक्री चलेंगे | यहाँ चलित में केतु धनु पर व् मिथुन का राहू आठवें घर में (चलित) में होने पर चोट दुर्घटना आदि का संकेत बनता है | वाहन ध्यान से चलायें व् बचाव करें | फ़िज़ूल की विदेश यात्रा या घर से दूर की यात्रा सम्भव | जमा धन खराब हो | स्थान परिवर्तन व् घर से दूर जाने के योग बनेगे | गम्भीर बीमारी हो तो इलाज अवश्य करा लें |
आपकी नाम राशि का स्वामी मंगल आठवें घर (अपने ही घर में, मृत्यु के घर) पर मिथुन राशि में सामने से शनि वक्री की दृष्टि में 6-5-2019 से 21-6-2019 तक होने पर चोट व् दुर्घटना एक्सीडेंट की सूचना देता है | मंगल षडाष्टक में 22-6-2019 से 7-8-2019 तक भाग्य वर्धन नहीं कर पायेगा | 12 जुलाई से मंगल अस्त होने पर बचाव के लिए मंगल से कोई भी सहायता मिलने में कमी रहेगी |
इसी त्तरह 8-7-2019 से 28-7-2019तक वक्री बुध कर्क में (वक्री शनि व् गुरु के षडाष्टक में) आपसे अनावश्यक लिखत पढ्त करा सकता है, पेट खराब करेगा | जॉब या व्यापार सम्भल कर करें | वक्री बुध मिथुन में 29-7-2019 से 31-7-2019 के बीच सामने से वक्री गुरु तथा शनि की दृष्टि के समय वाहन आदि बहुत ध्यान से चलायें, वाहन खराबी, चोट दुर्घटना सम्भव है |
जिनकी कुंडली में जन्म से शनि या गुरु या बुध या मंगल वक्री हों वे लोग चोट दुर्घटना से विशेष रूप से बचाव करें |
9. लग्न-9 या धनु राशि :(आपके नाम का शुरू का अक्षर: ये,यो,भा,भी,भू,धा,फ,ढ,भे):
आप की जन्म राशि/नाम राशि पर शनि साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है | यद्यपि यह चरण लाभकारी है, तब भी शनि के वक्र काल में साढ़ेसाती में लाभ का विचार न ही करें |
आप की नाम राशि/जन्म राशि का स्वामी गुरु बृहस्पति लग्न पर 29 मार्च से 10 अप्रैल तक आपको शांत रखेगा व् कष्ट आदि से बचाएगा |
आप की कुंडली में लग्न पर पहले घर में (आप का अपना सर मुख शरीर आदि) गुरु बृहस्पति 29 मार्च से वहां चलित-गोचर में आये पहले से ही आये हुए शनि से मिल गये हैं |
यहीं पर गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल से 22 अप्रैल तक लग्न पर धनु राशि पर वक्री चल कर आपका स्वास्थ्य, बुद्धि, ज्ञान, संयम, शांति आदि बिगाड़ देगा | आपकी जन्म राशि/नाम राशि के स्वामी गुरु से इसके वक्र काल में लाभ आदि की आशा करना व्यर्थ है |
वक्री चलते चलते गुरु बृहस्पति 23 अप्रैल से 11 अगस्त तक वृश्चिक राशि बाहरवें घर में थाइरोइड, जौंडिस, बुखार दमे/सांस आदि सम्बन्धी कष्ट देंगे | मानसिक संतुलन बनाये रखें | पति/पत्नी को कष्ट सम्भव | वाहन दुर्घटना व् चोट आदि से बचें | आपकी जन्म राशि/नाम राशि के स्वामी गुरु से इसके वक्र काल में लाभ आदि की आशा करना व्यर्थ है |
साढ़ेसाती के दूसरे चरण में शनि 30 अप्रैल से 18 सितम्बर, 2019 तक लग्न पर धनु राशि में वक्री चलेंगे | यहाँ चलित में केतु लग्न में धनु पर व् मिथुन का राहू सातवें घर में (चलित) में होने पर आपको चोट, दुर्घटना, कार्यों, जॉब, प्रमोशन, व्यापार आदि में पूरी रुकावट आदि देंगे | वाहन ध्यान से चलायें | हताश न हों, साढ़ेसाती में ऐसे कष्ट आते ही हैं, घबरा कर नकारात्मक न हों | आत्म हत्या की आवश्यकता नहीं है, सितम्बर से सब कुछ शांत होकर जनवरी 2020 से अच्छी सफलताओं का समय भी आ रहा है | गम्भीर चोट/दुर्घटना/बीमारी हो तो तुरंत इलाज कराएँ |
मंगल सातवें घर ( शुक्र के घर में) मिथुन राशि में सामने से शनि वक्री की दृष्टि में 6-5-2019 से 21-6-2019 तक होने पर चोट व् दुर्घटना एक्सीडेंट आदि का संकेत देता है | मंगल षडाष्टक में 22-6-2019 से 7-8-2019 तक भी चोट दुर्घटना आदि करा सकता है | 12 जुलाई से मंगल अस्त होने पर बचाव के लिए मंगल से कोई भी सहायता मिलने में कमी रहेगी |
इसी त्तरह 8-7-2019 से 28-7-2019तक वक्री बुध कर्क में (वक्री शनि व् गुरु के षडाष्टक में) पेट खराब करेगा व् जॉब या व्यापार में आय तथा लाभ में कमी कर देगा | वक्री बुध मिथुन में 29-7-2019 से 31-7-2019 के बीच सामने से वक्री गुरु तथा शनि की दृष्टि के समय व्यापार में घाटा, हानि व् वाहन आदि सम्बन्धी समस्याएँ होंगी | चोट दुर्घटना आदि से बचें |
जिनकी कुंडली में जन्म से शनि या गुरु या बुध या मंगल वक्री हों वे लोग चोट दुर्घटना से विशेष रूप से बचाव करें |
10. लग्न-10 या मकर राशि: (आपके नाम का शुरू का अक्षर भो,ज,जा,जी,जे,जो,खा,खी,खु,खे,खो,गा,गी)
आप की जन्म राशि/नाम राशि पर शनि साढ़ेसाती का प्रथम चरण चल रहा है | ज्योतिष नियमानुसार पहला व् दूसरा चरण (अप्रैल 2022 तक) हानिकारक व् कष्टकारक हैं | इसलिए, शनि के वक्र काल में साढ़ेसाती में किसी भी शुभ लाभ का विचार त्याग ही दें |
आप की कुंडली में बाहरवें घर में गुरु बृहस्पति 29 मार्च से वहां चलित-गोचर में पहले से ही आये हुए शनि से मिल गये हैं |
यहीं पर गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल से 22 अप्रैल तक बाहरवें घर धनु राशि पर वक्री चल कर आपका स्वास्थ्य, बुद्धि, ज्ञान, संयम, शांति आदि बिगड़ेगा | बाहरवें घर-मोक्ष के घर में चलित गोचर में धनु पर केतु व् छ्टे घर-बीमारी आदि के घर में चलित गोचर में मिथुन पर राहू भी वक्री शनि (व् वक्री गुरु साथ मिल कर) आपका स्वास्थ्य इस दौरान अधिक खराब रखेंगे | दमे/सांस, चेस्ट, हार्ट, टी बी, कैंसर, थाइरोइड, जौंडिस, सिर-न्यूरो, आधे सर का दर्द व् बुखार आदि सम्बन्धी मेडिकल समस्याएँ सम्भव हैं |
वक्री चलते चलते गुरु बृहस्पति 23 अप्रैल से 11 अगस्त तक वृश्चिक राशि ग्यारवें घर में आकर पेट खराबी, आय व् प्रतिष्ठा में कमी कर देगा |
लग्न की मकर राशि का स्वामी शनि बाहरवें घर होकर धार्मिक यात्रा, शुभ कर्म, मोक्ष, मुक्ति आदि दे सकता है |
साढ़ेसाती की शुरुआत में पहले चरण में शनि 30 अप्रैल से 18 सितम्बर, 2019 तक बाहरवें घर धनु राशि में वक्री चलेंगे | यहाँ चलित में वक्री केतु धनु पर व् चलित में छ्टे घर में मिथुन का वक्री राहू होने पर आपको कोई बड़ी चोट व् दुर्घटना आदि देना चाहेंगे | कोई भी वाहन ध्यान से चलायें | हिम्मत, होंसला, आत्म विश्वास बनाये रखें, हताश न हों, साढ़ेसाती में ऐसे कष्ट आते ही हैं | घबराएँ नहीं और न ही नकारात्मक/गलत विचार आने दें | आत्म हत्या की आवश्यकता नहीं है | 20 सितम्बर 2019 से ग्रह शांत होकर लाभ देना शुरू करेगें | आप जनवरी 2020 से उच्च पद पर होंगे, छा जायेंगे, जो आप बोलेंगे वह कानून बन जायेगा | आपके बहुत अधिकार होंगे व् लोग आपका लोहा मानेगे | अच्छी सफलताओं का समय आ ही रहा है | | लग्न की मकर राशि का स्वामी शनि बाहरवें घर होकर धार्मिक यात्रा, शुभ कर्म, मोक्ष, मुक्ति आदि दे सकता है | कोई गम्भीर चोट/दुर्घटना/बीमारी हो तो तुरंत इलाज कराएँ | किसी भी बीमारी व् कष्ट का पहले इलाज कराएँ व् साथ ही ज्योतिषीय उपाय करें |
मंगल छ्टे घर-बीमारी कष्ट आदि के घर में (बुध के घर में) मिथुन राशि में राहू के साथ, सामने बाहरवें घर-मोक्ष के घर में शनि वक्री व् केतु वक्री की दृष्टि में 6-5-2019 से 21-6-2019 के दौरान चोट व् दुर्घटना एक्सीडेंट आदि का संकेत देता है | मंगल षडाष्टक में 22-6-2019 से 7-8-2019 तक भी चोट दुर्घटना आदि करा सकता है | 12 जुलाई से मंगल अस्त होने पर चोट दुर्घटना में बचाव के लिए मंगल से कोई सहायता मिलने में कमी रहेगी |
इसी त्तरह 8-7-2019 से 28-7-2019तक वक्री बुध कर्क में (वक्री शनि व् गुरु के षडाष्टक में) पति/पत्नी का स्वास्थ्य खराब करेगा व् जॉब या व्यापार में आय तथा लाभ में कमी कर देगा | वक्री बुध मिथुन में 29-7-2019 से 31-7-2019 के बीच सामने से वक्री गुरु तथा शनि की दृष्टि के समय व्यापार में घाटा, वाहन हानि व् चोट दुर्घटना आदि सम्बन्धी समस्याएँ होंगी |
जिनकी कुंडली में जन्म से शनि या गुरु या बुध या मंगल वक्री हों वे लोग चोट दुर्घटना से विशेष रूप से बचाव करें |
11. लग्न-11 या कुम्भ राशि : (आपके नाम का शुरू का अक्षर : गु,गे,गो,सा,सी,सु,से,सो,दा)
आप की जन्म राशि/नाम राशि पर शनि साढ़ेसाती जनवरी 2020 से शुरू होगी, पहला चरण हानिकारक, दूसरा लाभदायक व् तीसरा फिर हानिकारक होगा |
आप की कुंडली में ग्यारहवें घर में गुरु बृहस्पति 29 मार्च से वहां चलित-गोचर में पहले से ही आये हुए शनि से मिल गये हैं |
यहीं पर गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल से 22 अप्रैल तक ग्यारहवें घर धनु राशि पर वक्री होने से पेट खराब करेगा, कार्य व्यापार आय व् लाभ में बहुत कमी कर देगा | शिक्षा विद्या व् ज्ञान में कमी आएगी | सन्तान को कष्ट सम्भव |
वक्री चलते चलते गुरु बृहस्पति 23 अप्रैल से 11 अगस्त तक वृश्चिक राशि पर दसवें घर पर आकर नौकरी, जॉब, कार्य, व्यापार में रुकावटें व् समस्याएँ खड़ी कर देगा | जॉब में सस्पेंशन या टर्मिनेशन से बचाव के प्रयास पहले ही करें, अन्यथा देर हो जाएगी |
शनि 30 अप्रैल से 18 सितम्बर, 2019 तक ग्यारवें घर धनु राशि में वक्री चलेंगे | यहाँ चलित में वक्री केतु धनु पर व् चलित में पांचवें घर में मिथुन का वक्री राहू होने पर आपको पेट सम्बन्धी समस्या, सन्तान को कष्ट | टांग, जंघा, घुटने पर कष्ट चोट व् दुर्घटना सम्भव हैं | कोई भी वाहन ध्यान से चलायें | किसी भी बीमारी व् कष्ट का पहले इलाज कराएँ व् साथ ही ज्योतिषीय उपाय करें | जॉब में सस्पेंशन या टर्मिनेशन से बचाव के प्रयास पहले ही करें, अन्यथा देर हो जाएगी | जनवरी 2020 से आपकी जन्म राशि/नाम राशि/प्रसिद्ध नाम राशि पर शनि साढ़ेसाती शुरू जो जाएगी | ज्योतिषीय नियमानुसार कुम्भ राशि पर शनि शाधेसती में पहले चरण में कष्ट, दूसरे में लाभ व् तीसे में फिर कष्ट मिलेंगे | परन्तु, जन्म कुंडली में लग्न के है व् अन्य ग्रह क्या लाभ हानि देते है, इनसे भी विभिन्न चरणों के फल में अंतर पद जाता है |
मंगल पांचवें घर में (सूर्य गुरु के घर में) मिथुन राशि में राहू के साथ, सामने बाहरवें घर-मोक्ष के घर में शनि वक्री, केतु वक्री की दृष्टि में 6-5-2019 से 21-6-2019 के दौरान पेट खराब, घुटने, टांगों आदि पर चोट आदि समस्याएँ देंगे | मंगल षडाष्टक में 22-6-2019 से 7-8-2019 तक भी चोट दुर्घटना आदि करा सकता है | 12 जुलाई से मंगल अस्त होने पर चोट दुर्घटना में बचाव के लिए मंगल से कोई सहायता मिलने में कमी रहेगी |
इसी त्तरह 8-7-2019 से 28-7-2019तक वक्री बुध कर्क में (वक्री शनि व् गुरु के षडाष्टक में) वाहन खराबी, मोबाइल, लैपटॉप आदि खराबी व् जॉब या व्यापार में आय तथा लाभ में कमी कर देगा | वक्री बुध मिथुन में 29-7-2019 से 31-7-2019 के बीच सामने से वक्री गुरु तथा शनि की दृष्टि के समय पेट खराबी व् व्यापार में घाटा देगा |
जिनकी कुंडली में जन्म से शनि या गुरु या बुध या मंगल वक्री हों वे लोग चोट दुर्घटना से विशेष रूप से बचाव करें |
12. लग्न-12 या मीन राशि: (आपके नाम का शुरू का अक्षर : दी,दू,थ,झ,दे,दो,चा,चि)
आप की कुंडली में दसवें घर में गुरु बृहस्पति 29 मार्च से वहां चलित-गोचर में पहले से ही आये हुए शनि से मिल गये हैं जो लाभकारी रहेंगे, प्रमोशन योग बनेगा चाहे नवम्बर में जाकर लाभ मिले |
परन्तु, यहीं पर गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल से 22 अप्रैल तक दसवें घर धनु राशि पर वक्री होने से जॉब/कार्य/व्यापार/ड्यूटी निभाने में कमी होने पर जॉब व्यापार में व्यवधान करेगा | जॉब में सस्पेंशन या टर्मिनेशन से बचाव के प्रयास पहले ही करें, अन्यथा देर हो जाएगी | हार्ट, चेस्ट, अनजाने बुखार, चोट व् दुर्घटना के संकेत हैं | सन्तान को कष्ट सम्भव |
वक्री चलते चलते गुरु बृहस्पति 23 अप्रैल से 11 अगस्त तक वृश्चिक राशि पर नोवें घर –भाग्य्स्थान पर - नौकरी, जॉब, कार्य, व्यापार में रुकावटें व् देरी आदि करेगा | हार्ट, चेस्ट आदि का चेक अप करा लें, अच्छा रहेगा |
शनि 30 अप्रैल से 18 सितम्बर, 2019 तक दसवें घर धनु राशि में वक्री चलेंगे | यहाँ चलित में वक्री केतु धनु पर व् चलित में चौथे घर में मिथुन का वक्री राहू होने पर जॉब/कार्य/व्यापार/ड्यूटी निभाने में लापरवाही होने/कमी होने पर जॉब व्यापार में समस्या आएगी | जॉब में सस्पेंशन या टर्मिनेशन से बचें | घुटने, टांग, जंघा पर कष्ट चोट या ऑपरेशन सम्भव हैं | कोई भी वाहन ध्यान से चलायें व् बड़ी दुर्घटना से बचें | माता/पत्नी का स्वास्थ्य ढीला सम्भव |
मंगल चौथे घर में ( चन्द्रमा के घर में) मिथुन राशि में राहू के साथ, सामने दसवें घर में शनि वक्री, केतु वक्री की दृष्टि में 6-5-2019 से 21-6-2019 के नकारात्मक विचारों के कारण आत्म हत्या के लिए उकसा सकता है व् चोट तथा दुर्घटना आदि सम्भव हैं | मंगल षडाष्टक में 22-6-2019 से 7-8-2019 तक पेट दर्द, अपेंडेसाईटिस आदि समस्या कर सकता है | 12 जुलाई से मंगल अस्त होने पर चोट दुर्घटना में बचाव के लिए मंगल से कोई सहायता मिलने में कमी रहेगी |
इसी त्तरह 8-7-2019 से 28-7-2019तक वक्री बुध कर्क में (वक्री शनि व् गुरु के षडाष्टक में) आँतों का दर्द, पेट सम्बन्धी समस्याएँ देगा व् जॉब या व्यापार में आय व् लाभ में कमी कर देगा | वक्री बुध मिथुन में 29-7-2019 से 31-7-2019 के बीच सामने से वक्री गुरु तथा शनि की दृष्टि के समय आपका वाहन खराब करेगा, चोट आदि से बचें |
जिनकी कुंडली में जन्म से शनि या गुरु या बुध या मंगल वक्री हों वे लोग चोट दुर्घटना से विशेष रूप से बचाव करें |
उपाय
- मेडिकल सम्बन्धी समस्याओं का सबसे पहले मेडिकल इलाज शुरू करें, उसके बाद ज्योतिषीय या अन्य उपाय करें |
- विमशोत्तरी दशा जिस ग्रह की चल रही हो, उसके उपाय करें |
- शनि, गुरु बृहस्पति, बुध, मंगल, राहू व् केतु आदि के सम्भव उपाय व् दान आदि, दी गयी अवधि के दौरान करें |
- सभी ग्रहों के उपाय www.panditjksharma.com पर दिए गये हैं, ढूंढें लें | जो उचित व् सम्भव उपाय कर सकते हैं, करें |
- मेष, वृष, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर व् मीन राशि के लोगों को अपने व् अपने परिवार के प्रति अधिक सचेत व् सावधान होकर दैनिक कार्य करने की आवश्यकता है |
शुभकामनाएं |
8 अप्रैल, 2019